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Incest BADMASH SASUR AUR NAADAN BAHU

रानी उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली: मुझे तो लगता है कि आपने इतना रस मेरे अंदर छोड़ा है मैं शायद आज ही गर्भ से हो गयी हों गई होऊँगी।
राजीव हँसते हुए: शायद नहीं ,पक्का गर्भ ठहर ही गया होगा। मेरे लौड़ा तुम्हारी बच्चे दानी के ऊपर ठोकरें मार रहा था। वैसे मुझे एक बार तुमको फिर से चोदना है। सच क्या टाइट बुर है तुम्हारी।
रानी उठकर बैठी और बोली: मुझे ज़रा बाथरूम जाना है।
राजीव : चलो मुझे भी जाना है।
दोनों बाथरूम में जाकर मूते और राजीव झुककर हैंड शॉवर से उसकी बुर को धोया और फिर रानी ने भी उसके लौड़े को धोया। फिर वो दोनों बाहर आकर बिस्तर पर लेटे और एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही दोनों गरम हो गए। राजीव उसके ऊपर ६९ की पोजीशन में आ गया और उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। उधर उसका लौड़ा रानी के मुँह के सामने था। उसने कभी लौड़ा नहीं चूसा था। मगर उसने कुछ फ़ोटो देखीं थीं उसके सहेलियों की मोबाइल में जिनमे अंग्रेज़ औरतें आदमियों का लौड़ा चूस रहीं थीं। उसकी कुछ सहेलियाँ भी उसको बतायी थी कि वो अपने पति के लौड़े चूसती हैं।
उसने भी हिम्मत की और उसके लौड़ेको सहलाते हुए अपने मुँह के पास लायी और उसके सुपाडे को सूँघा। उसका पूरा शरीर मस्ती से भरने लगा। उधर उसकी बुर पर राजीव की जीभ तांडव कर रही थी और वह बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। तभी उसने सुपाडे को चूम लिया और फिर वह जीभ से उसे चाटने लगी। उधर राजीव ने भी उसके मुँह में लौड़े का दबाव बढ़ाया और रानी के मुँह में उसका लौड़ा जैसे घुसता चला गया। अब राजीव उसके मुँह की चुदाई करने लगा। साथ ही बुर की रगड़ाई भी जीभ से किए जा रहा था। अब रानी मस्ती से लौड़ा चूसे जा रही थी। फिर राजीव उठा और उसने रानी को पेट के बल लिटाया और फिर उसको चूतर उठाने को बोला। अब उसकी बुर और गाँड़ उसकी आँखों के सामने थे। उसने गाँड़ की सुराख़ पर ऊँगली फेरी और फिर मस्ती से उसकी बुर मसलने लगा और फिर अपने लौड़े को उसकी बुर में लगाकर उसके अंदर अपना लौड़ा ठेल दिया और फिर उसकी नीचे को लटकी हुईं चूचियाँ दबाकर उसकी मस्त चुदाई करने लगा।
वह भी मज़े से अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी। कमरा एक बार फिर से फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँजने लगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। राजीव ने उसकी बुर में अपना वीर्य अंदर तक छोड़ दिया।
फिर वो दोनों एक साथ लिपट कर सो गए।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चला रोज़ शिवा के जाने के बाद वो चुदाई करते और राजीव उसको विश्वास दिला रहा था कि वह जल्दी ही गर्भ से हो जाएगी।
उस दिन भी वो दोनों चुदाई के बाद आराम कर रहे थे रानी उसके लौड़े को हल्के से सहला रही थी। तभी उसके दोस्त रमेश का फ़ोन आया और वह बोला: यार क्या तुम और शिवा कल यहाँ आ सकते हो? मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे दोस्त श्याम की भतीजी को देख लो। बहुत प्यारी बच्ची है तुम लोगों को ज़रूर पसंद आएगी।
राजीव ने रानी की गाँड़ सहलाते हुए कहा: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है। कौन कौन है उसके घर में?
रमेश: यार बेचारी के पिता का तो बचपन में ही देहांत हो गया था वह अपनी माँ के साथ मेरे दोस्त के यहाँ पली है जो कि उसका ताया है । यानी वह श्याम की भतीजी है। बी कॉम किया है और दिखने में भी बहुत सुंदर है।
राजीव: ओह चलो हम कल का प्लान बनाते हैं। तुमको ख़बर कर के कल शाम को आएँगे । तुम्हारा शहर सिर्फ़ दो घण्टे की ही दूर पर तो है। हम वहाँ पाँच बजे तक तो पहुँच ही जाएँगे।
फिर इधर उधर की बात करके उसने फ़ोन रख दिया। फिर राजीव ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और रानी आऽऽंह कर उठी ।
राजीव: अरे एक ऊँगली नहीं ले पा रही है तो मेरा लौड़ा कैसे अंदर लेगी?
रानी: मुझे नहीं लेना आपका लौड़ा यहाँ। बुर को जितना चाहिए चोदिए। पर गाँड़ नहीं मरवाऊँगी।
राजीव: अरे जब तुम गर्भ से हो जाओगी तो गाँड़ से ही काम चलाउंगा ना। डॉक्टर बोल देगी तीन चार महीने बाद कि बुर को चोदना बंद करो।
रानी हँसते हुए बोली: तब की तब देखी जाएगी। अच्छा तो कल आप बहु देखने जा रहे हैं।
राजीव : हाँ हम जाएँगे। देखें क्या होता है वहाँ?
फिर वह किचन ने चली गयी और वह भी आराम करने लगा।

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रानी खाना बना कर चली गयी और शिवा दुकान बंद कर घर आया तो राजीव ने उसे अगले दिन लड़की देखने की बात बताई। शिवा ने ठीक है कहा और दोनों खाना खाते हुए दुकान की बात करने लगे। खाना खाकर थोड़ी देर TV देखकर वो सोने चले गए।
रात को सोते हुए राजीव सोचने लगा कि बहु के आने के बाद उसकी और रानी की चुदाई मुश्किल में पड़ जाएगी। उसे कोई रास्ता निकालना ही होगा ताकि वो रानी को बिना किसी अड़चन के चोद सके। वैसे भी उसकी आँखों में रानी की कुँवारी गाँड़ घूम रही थी और वह यह सोचकर गरम हो गया कि उसकी गाँड़ मारने में क्या मज़ा आएगा। फिर वह अपने खड़े लौड़े को दबाकर सो गया।
अगले दिन शिवा को जल्दी वापस आने के लिए बोल कर राजीव ख़ुद भी तय्यार होकर बाज़ार गया और वहाँ से मिठाई और फल ख़रीदे। बाज़ार से वापस आकर उसने रानी की एक राउंड चुदाई भी की और फिर शाम को शिवा और वह पास के शहर में रमेश से मिलने पहुँचे।
रमेश उनको लेकर अपने दोस्त श्याम के यहाँ पहुँचा । श्याम और उसकी पत्नी ने उनका बहुत स्वागत किया और फिर उनको सरला से मिलवाया,जो कि श्याम के स्वर्गीय भाई की पत्नी और मालिनी की माँ थी। मालिनी ही वह लड़की थी जिसे देखने वह दोनों आए थे।
राजीव ने फल और मिठाई सरला को दी। उसने देखा कि सरला बला की ख़ूबसूरत महिला थी। बहुत गोरी और अपने उम्र के हिसाब से थोड़ी भरी हुई भी थी। बड़े बड़े दूध और उभरे हुए चूतर बहुत ही मादक थे। बहुत दिन बाद राजीव के लौड़े ने एक नज़र देखकर ही एक औरत के लिए झटका मारा था। राजीव उसकी गाँड़ के उभार को देखकर मस्ती से भर गया। फिर उसने अपने आप को याद दिलाया कि वह उसकी समधन हो जाएगी अगर ये रिश्ता हो जाता है।
उसने अपने आप को क़ाबू में किया और बोला: भाभी जी आप जब इतनी सुंदर हो तो आपकी बेटी भी यक़ीनन बहुत प्यारी होगी।
सरला: अरे आपका बेटा भी तो बहुत प्यारा है। भाई सांब इन दोनों की जोड़ी बहुत जमेगी।
राजीव हँसते हुए बोला: भाभी जी आपकी बेटी देख तो लें फिर शायद आपको बात से हम भी सहमत हो जाएँगे।
तभी श्याम आकर सरला को बोला: सरला आओ मालिनी को ले आते हैं। वो दोनों अंदर चले गए। राजीव ने नोटिस किया कि श्याम अपनी बीवी की तरफ़ ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहा था। वैसे उसकी बीवी काफ़ी दुबली पतली थी और बीमार सी दिखती थी।
राजीव ने एक नौकर से कहा: मुँझे बाथरूम जाना है।
वह उसके साथ बाथरूम की ओर चल पड़ा। नौकर उसको एक कमरे में बाथरूम दिखाकर वापस चला गया। वह बाथरूम जाकर जब बाहर आया तभी उसको कुछ आवाज़ सी आयी। वह कमरे से बाहर आते हुए रुक गया और दरवाज़े के पास आकर थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर झाँका।
वहाँ सामने कोई नहीं था। वह बाहर आया और तभी उसको दबे स्वर में हँसने की आवाज़ आयी और वह पता नहीं क्यों उस कमरे के सामने पहुँचकर चुपचाप बातें सुनने लगा। अंदर आदमी बोल रहा था: अब यह शादी हो जाए तो हम खुलकर मस्ती कर सकेंगे । फिर चुम्बन की आवाज़ आइ । अब धीरे से वह अंदर झाँका। वहाँ का दृश्य बड़े ही हैरान करने वाला था। श्याम अपने भाई की बीवी के साथ लिपटा हुआ था और उसे चूमे जा रहा था। वह भी उससे मज़े से चिपकी हुई थी। श्याम के हाथ उसके बड़े बड़े चूतरों को दबा रहे थे।
सरला: अच्छा अब छोड़िए। मालिनी तय्यार हो गयी होगी।
श्याम: हाँ यार जितनी जल्दी उसकी शादी हो जाए हम मज़े से चुदाई कर सकेंगे।
सरला: हाँ जी आपको भाभी तो मज़ा नहीं देती इसलिए मुझे ही रगड़ोगे आप तो। चलो अब जल्दी से वरना कोई देख लेगा। वो दोनों अलग हुए तो वह अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बोली: देखिए पूरा ब्लाउस छाती के ऊपर कैसा मसल दिया है आपने ।कोई भी समझ लेगा कि क्या हुआ है मेरे साथ।
श्याम: अरे तुम्हारी चूचियाँ हैं इतनी मस्त कि साला हाथ अपने आप ही उन पर चला जाता है। वह यह कहते हुए अपने लौड़े को पैंट में अजस्ट करने लगा।
फिर दोनों बाहर आने लगे। राजीव जल्दी से वहाँ से हट कर छुप गया। उनके जाने के बाद वह वापस बाहर आ गया। शिवा वहीं बैठकर श्याम की बीवी से बातें कर रहा था।
थोड़ी देर बाद वो दोनों आए और साथ में मालिनी भी आयी। उसने साड़ी पहनी हुई थी। वह माँ जैसी ही गोरी चिट्टि और थोड़े भरे बदन की नाटे क़द की लड़की थी। शिवा तो उसे एकटक देखता ही रह गया। मालिनी ने भी भरपूर नज़र से शिवा को देखा और वह भी उसको बहुत पसंद आ गया।
राजीव ने भी मालिनी को देखा और वह सच में अपनी माँ का ही प्रतिरूप थी। भरे बदन के कारण वह बहुत सेक्सी भी दिख रही थी। साड़ी से उसकी चूचियों के उभार बहुत ही ग़ज़ब ढा रहे थे। और जब वह उसको नमस्ते करके उसकी बग़ल से आकर साइड के सोफ़े में बैठी तो उसके चूतरों का उभार उसको मस्त कर गया। तभी उसे याद आया कि वह उसकी होने वाली बहु है। उसे अपने आप पर बहुत शर्म आयी और उसने अपना सिर झटका जैसे वह गंदे ख़याल अपने दिमाग़ से बाहर निकाल रहा हो।
श्याम: ये है हमारी बिटिया रानी सरला। और सरला ये है शिवा और ये हैं इनके पिता।
सरला ने फिर से सबको नमस्ते किया। वह अपना सिर झुका कर बैठी थी। राजीव ने देखा कि शिवा उसे देखे ही जा रहा था। वह मन ही मन मुस्कुराया और बोला: शिवा मैं चाहता हूँ कि तुम और मालिनी अकेले में थोड़ी देर बातें कर लो और एक दूसरे को समझ लो। श्याम जी आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं?
श्याम: अरे नहीं हमें क्यों ऐतराज़ होगा अच्छा ही है वो दोनों एक दूसरे को समझ लें।
सरला उठी और मालिनी और शिवा को लेज़ाकर एक कमरे में बिठा आयी।
जब वो वापस आइ तो राजीव उसको भरपूर नज़रों से देखा, उसको उसकी और श्याम की मस्ती याद आ गयी।
सरला: भाई सांब लगता है दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
राजीव: हाँ बड़ी ही प्यारी बच्ची है , मुझे भी लगता है कि दोनों एक दूसरे को पसंद आ गए हैं।
उधर मालिनी और शिवा एक दूसरे से बातें किए जा रहे थे। शिवा उसको अपने बिज़नेस वग़ैरह के बारे ने बताया और मालिनी अपनी पढ़ाई और अपने खाना बनाने के शौक़ के बारे में बतायी। जल्दी ही उन दोनों को समझ में आ गया कि वह एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
थोड़ी देर बाद शिवा बोला: आप मुझे पसंद हो, अब आप बताओ कि मैं आपको पसंद हूँ या नहीं?
मालिनी ने सिर झुका कर कहा: आप भी मुझे पसंद हो।
फिर दोनों उठकर बाहर आए और राजीव ने पूछा: हाँ अब बताओ कि क्या इरादा है?
शिवा: पापा मेरी तो हाँ है।
श्याम: और बेटी तुम्हारी?
मालिनी ने शर्माकर अपना सिर हाँ में हिला दिया।
अब राजीव ख़ुशी से खड़ा हुआ और श्याम भी खड़े होकर उसके गले मिला। और उन्होंने एक दूसरे को बधाइयाँ दी। सरला ने भी राजीव को बधाई दी। फिर शिवा और मालिनी ने सबके पैर छुएँ। श्याम ने सबको मिठाई खिलाई।
अब राजीव भी कार से मिठाई और एक अँगूठी निकाल लाया। सरला भी एक अँगूठी लायी। अब शिवा और मालिनी ने एक दूसरे को अँगूठी पहनायी। सबने उनको बधाइयाँ दी।बहुत से फ़ोटो खिंचे गए। फिर सबने नाश्ता किया और बाद में शिवा और राजीव वापस अपने घर आ गए।
रास्ते में राजीव बोला: बेटा पहली बार में ही लड़की पसंद आ गई ?
शिवा: जी पापा वो बहुत ही समझदार लड़की है और अपनी ज़िम्मेदारी भी समझती है।
राजीव हँसते हुए बोला :और सुंदर भी है । है ना?
शिवा: जी पापा सुंदर तो है ही ।
राजीव: तुम दोनों की जोड़ी ख़ूब जँचेगी। मुझे ख़ुशी है कि पहली बार में ही इतना बढ़िया रिश्ता मिल गया।
रात को सोते हुए राजीव सरला के बारे में सोच कर गरम होने लगा। क्या दूध हैं उसके। फिर अचानक उसको मालिनी के भी साड़ी से उभरे हुए दूध याद आ गए और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। फिर उसे शर्म आइ और वह अपने आप को कोसा और सोने की कोशिश करने लगा।

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(20-06-2018, 11:30 PM)dpmangla : Nice Post

Thanks

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सुबह उसने रानी के लिए दरवाज़ा खोला और आकर सोफ़े पर बैठ गया। रानी भी आकर उसकी गोद में बैठ गयी और बोली: तो क्या हुआ कल ? बहू पसंद आयी या नहीं?
राजीव: बहुत पसंद आयी और हमने तो रोका भी कर दिया। अब सगाई की तारीख़ निकालेंगे।
रानी: कैसी है दिखने में?
राजीव: बहुत प्यारी और सुंदर। तुमको फ़ोटो दिखाता हूँ। यह कहकर उसने रानी को मोबाइल पर कल की फ़ोटो दिखाई।
रानी: हाँ बहुत सुंदर है। भय्या बहुत लकी है। वैसे भरी हुई है जैसी आपको अच्छी लगती हैं वैसे ही है।
राजीव: बिलकुल खाते पीते घर की है, तुम्हारे जैसी सूखी और सुक़ड़ी सी नहीं है। यह कहते हुए वह हँसा और उसको चूम लिया। फिर उसकी छाती पर हाथ फेरने लगा।
रानी हँसते हुए बोली: आपकी बहू की छाती तो इतनी बड़ी है कि मेरी दोनों छातियाँ उसकी एक के बराबर होंगी।
राजीव: अरे नहीं इतनी भी बड़ी नहीं हैं पर हाँ तुम्हारी छाती से काफ़ी बड़ी हैं।
रानी हँसते हुए: काफ़ी ध्यान से देखा है बहू की छातियों को? इरादा नेक है ना?
राजीव: अरे तुम भी क्या फ़ालतू बात कर रही हो। ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे इसकी माँ की चूचियाँ तुम्हारी से दुगुनी होंगी, ये देखो । ये कहकर उसने सरला की फ़ोटो में उसकी छाती को ज़ूम करके दिखाया।
रानी: हाँ सच में इनकी बहुत बड़ी हैं। ये आपकी होने वाली समधन हैं क्या?
राजीव: हाँ ये सरला है मस्त माल है। और चालू भी है। ये कहते हुए उसका लौड़ा अकड़ने लगा और रानी को गाँड़ में चुभने लगा।
रानी गाँड़ को उचका कर बोली: आह इसे क्यों खड़ा कर लिए? समधन का जादू है क्या? आपने उसे चालू क्यों बोला?
राजीव ने उसे श्याम और सरला की मस्ती के बारे में बताया कि कैसे वो एक दूसरे से लिपट कर मज़ा कर रहे थे और मालिनी की शादी का इंतज़ार कर रहे थे ताकि खुल कर मज़े ले सकें।
राजीव: मुझे लगता है कि मालिनी के कारण वो ज़्यादा मज़ा नहीं ले पाते होंगे। वैसे भी श्याम की बीवी तो बहुत बीमार दिख रही थी। वो क्या इनके मज़े में ख़लल डाल पाएगी?
रानी: तब तो मालिनी को भी इसका अंदाज़ा तो होगा ही कि उसकी माँ उसके ताया जी के साथ फँसी हुई है। और वो चुदाई के बारे में सब जानती होगी। वैसे भी उसका भरा हुआ बदन देखकर लगता है कि वो शायद चुदवा चुकी होगी।
राजीव: क्या फ़ालतू बात कर रही हो? वो एक बच्ची की तरह मासूम है। बहुत नादान है वो बिलकुल एक नगीना यानी कि हीरा है।
रानी हँसते हुए बोली: उस बिचारि नगीना को क्या पता कि उसका ससुर कितना कमीना है?
राजीव झूठा ग़ुस्सा दिखाकर बोला: मैंने क्या कमीनी हरकत की है?
रानी हँसते हुए बोली: अपनी बहू के दूध देखना और उसको मेरे दूध से तुलना करना क्या कमीनापन नहीं है? अच्छा ये बताइए उसकी गाँड़ कैसी है? आपको तो बड़े चूतर अच्छे लगते हैं ना? बहू के कैसे हैं? वैसे इस फ़ोटो में तो बड़े मस्त गोल गोल दिख रहे हैं। !
राजीव का लौड़ा अब पूरा खड़ा हो कर उसकी गाँड़ में ठोकर मार रहा था। वह बोला: साली कमिनी , ख़ुद मेरी बहू के बारे में गंदी बात कर रही है और मुझे कमीना बोल रही है। चल अभी तेरी गाँड़ मारता हूँ मादरचोद।
ये कहकर वह उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर पटका और उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी बुर में दो ऊँगली डाल दिया। इस अचानक हमले से रानी हाय्य्यय कर उठी पर वह उसकी बुर में उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगा । जल्दी ही बुर गीली हो गई और उसने अपना लोअर और चड्डी उतारा और फनफना रहे लौड़े को उसकी बुर में एक झटके में पेल दिया। फिर उसके ऊपर आकर उसके ब्लाउस और ब्रा को ऊपर किया और चूचियाँ मसलते हुए उसकी बेरहमी से चुदाई करने लगा।
रानी भी आऽऽऽहहह हाय्य्य्य्य कहकर मस्ती से कमर उछालने लगी और बोली: सच में बोलो ना बहू भी अपनी माँ की तरह माल है ना?
राजीव: आऽऽहहह मादरचोओओओओओओओद फिर वही। कहा ना माँ साली रँडीइइइइइइइ है। बहू तो अभी बच्चीइइइइइइइइ है।
रानी: फिर भी उसके चूतर और चूची तो मस्त है ना? वैसी है जैसे आपको अच्छी लगती है । है नाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽह बोओओओओओओलो ना।
राजीव ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए बोला: आऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म हाँआऽऽऽऽ सालीइइइइइइ बहू भी मस्त माआऽऽऽऽऽऽऽल है। मालिनी की भी मस्त गोओओओओओओओल गाँड़ है आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मैं गयाआऽऽऽऽऽऽ । साली क़ुतियाआऽऽऽऽऽऽ लेeeee मेराआऽऽऽऽ माआऽऽऽऽलल्ल अपनी बुर में। ह्म्म्म्म्म्न कहते हुए वह झड़ गया।
फिर जब वो सफ़ाई करके लेटे हुए थे, तब राजीव बोला: सच में मालिनी बहुत मासूम सी बच्ची है। मुझे उसके बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
रानी: पर मुझे तो लगता है कि आप उसकी भी ले लोगे।
राजीव ग़ुस्से से : क्या बकवास कर रही हो? वो मेरे बेटे की बीवी होगी। उसके बारे में ऐसा कैसे कर सकता हूँ। हाँ उसकी माँ की बुर ज़रूर रगड़ूँगा। साली सिर्फ़ श्याम को क्यों मज़ा दे ? हम साले मर गए हैं क्या?
रानी उठती हुई बोली: एक बात बताइए कि हमारा मिलन कैसे होगा बहु के आने के बाद?
राजीव: ये चिंता तो मुझे भी है देखो कोई रास्ता निकालेंगे। ये कहकर वह फिर से उसको अपनी बाँहों में खींच लिया और बोला: तुम्हारा महवारी याने पिरीयड कब आता है?
रानी: अभी दस दिन हैं। क्यों पूछ रहे हैं आप?
राजीव: अरे इसीलिए कि इस बार नहीं आएगा। तुमको गर्भ से जो कर चुका हूँ।
रानी: आप इतने यक़ीन से कैसे कह सकते हैं?
राजीव: मैंने तुमको बताया था ना कि मैं पहले भी तीन लड़कियों को गर्भवती कर चुका हूँ और तीनों एक महीने की ही चुदाई में माँ बनने के रास्ते पर चल पड़ीं थीं।
रानी: मैं तो आपको कितनी ही बार पूछ चुकी हूँ पर आप अभी तक एक के बारे में भी नहीं बतायें हैं।
राजीव: चलो अभी चाय पिलाओ और बाद में शिवा के दुकान जाने के बाद मैं तुमको बताऊँगा कि कैसे मैंने जुली को गर्भवती किया। वही पहली लड़की थी जिसे मैंने करीब पाँच साल पहले चोद के माँ बनाया था।
रानी: ठीक है बताइएगा आज जुली के बारे में। ये कहकर वह किचन मे चली गयी।
बाद में शिवा उठकर आया और चाय पीते हुए बाप बेटा बातें करने लगे।
राजीव: फिर बरखुरदार, रात को नींद आयी या नहीं? कहीं रात भर शादी के सपने तो नहीं देखते रहे?
शिवा: क्या पापा आप भी ना ? छेड़ रहे हैं मुझे?
राजीव हँसते हुए बोला: अरे बहु का सेल नम्बर लिया था कि नहीं?
शिवा शर्माकर: कहाँ ले पाया? सब कुछ इतनी जल्दी में हो गया।
राजीव : अच्छा चल मैं ही जुगाड़ करता हूँ तेरे लिए। ये कहकर उसने श्याम को फ़ोन लगाया।
उधर से सरला ने फ़ोन उठाया और बोली: हेलो कौन बोल रहे हैं?
राजीव: मैं राजीव बोल रहा हूँ भाभीजी । आप कैसी हैं?
सरला: नमस्ते भाई सांब । मैं ठीक हूँ। आप लोग कल अच्छे से पहुँच गए थे ना?
राजीव: हाँ जी सब बढ़िया है। मैंने इसलिए फ़ोन किया कि मुझे मालिनी का नम्बर चाहिए ,शिवा माँग रहा है। वो दोनों बातें करेंगे तो एक दूसरे को समझेंगे ना।
सरला: जी बिलकुल ठीक कहा आपने। मैं अभी आपको sms करती हूँ। शिवा है क्या बात करवाइए ना?
शिवा ने फ़ोन लेकर कहा: नमस्ते मम्मी जी।
सरला: नमस्ते बेटा , कैसे हो? मालिनी को हम लोग बहुत छेड़ रहे हैं तुम्हारा नाम लेकर।
शिवा: मम्मी आप लोग भी ना बेचारी को क्यों तंग कर रहे हो?
सरला: लो अभी से उसकी तरफ़ से बोलने लगे? वाह जी वाह।
शिवा: मम्मी मेरी आप खिंचाई तो मत करो।
फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करके वह फ़ोन राजीव को दे दिया।
राजीव: तो भाभीजी आप हमारे घर कब आ रही हैं? आपने तो हमारा घर भी नहीं देखा है।
सरला: भाई सांब जल्दी ही आएँगे। आपने सगाई का कुछ सोचा?
राजीव: आज पंडित जी से बात करूँगा मुहूर्त के लिए। मालिनी की कुंडली भी भेज दीजिएगा। शिवा की कुंडली से मिलवा लेंगे।
सरला: भाई सांब सगाई कहाँ करेंगे?
राजीव : आप जहाँ बोलेंगी वहाँ करेंगे। अजी हम तो आपके हुक्म के ग़ुलाम हैं।
सरला: कैसी बात कर रहे हैं, हम लड़की वाले हैं हम झुक कर रहेंगे।
(तभी शिवा का फ़ोन बजा और वह अपने बेडरूम में चला गया। )
राजीव: अरे भाभीजी आप जैसी सुंदर महिला की ग़ुलामी करने का मज़ा ही कुछ और है।
सरला: भाई सांब आप भी अब मुझे खींच रहे हैं ।
राजीव: अरे भाभी जी मेरी क्या औक़ात है आपकी खींचने की? मैं तो ख़ुद ही खिंचा जा रहा हीं आपकी तरफ़।
सरला: भाई सांब आपको बातों ने जीतना बहुत मुश्किल है।
राजीव: भाभीजी बातों में जीत सकती है पर हमें एक बार सेवा का मौक़ा दीजिए। सच कहता हूँ आप भी क्या याद करेंगी।
इस बार राजीव ने द्वीयर्थी डायलॉग बोल ही दिया।वह अपने लौड़े को हल्के से दबाया जो अपना सिर उठा रहा था।
सरला एक मिनट के लिए तो चुप सी हो गयी फिर बोली: चलिए सगाई आपके यहाँ ही रखते हैं , देखते हैं कितनी सेवा करते हैं आप?
राजीव ख़ुश होकर बोला: ये हुई ना बात ।भाभीजी ऐसी सेवा करूँगा आप भी याद रखोगी। बस एक मौक़ा तो दीजिए। और हाँ अपना नम्बर भी दे दीजिए। श्याम के नम्बर पर आपको बार बार फ़ोन नहीं कर सकता।
सरला: भाई सांब रखती हूँ । भय्या आ रहे हैं। मैं आपको sms करती हूँ अपना और मालिनी का नम्बर।
फिर फ़ोन कट गया। राजीव अभी भी लौड़ा दबाये जा रहा था। तभी रानी आयी और मुस्कुरा कर बोली: क्या हो रहा है? मैं दबा दूँ? समधन को पटा रहे थे? मैं सब सुन रही थी।
राजीव: शिवा को दुकान जाने दो फिर जो करना है कर लेना। समधन तो साली रँडी है उसे तो शादी के पहले ही चोद दूँगा।
तभी शिवा के आने की आवाज़ आइ और रानी वहाँ से बाहर चली गई। तभी सरला का sms भी आ गया। उसने मालिनी का नम्बर शिवा को फ़ॉर्वर्ड कर दिया और अपने फ़ोन में भी बहू के नाम से सेव कर लिया। और सरला का नम्बर भी सेव कर लिया।
अब शिवा भी अपने समय पर दुकान को चला गया।
उसके जाने के बाद रानी आकर राजीव के पास आकर बैठी और राजीव ने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसको चूमने लगा। वो सरला से बात करके उत्तेजित हो चुका था ।
तभी रानी बोली: आज आप मुझे जुली के माँ बनने की कहानी सुनाएँगे।याद है ना?
राजीव उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर बोला: ज़रूर मेरी जान, बिलकुल सुनाएँगे।

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