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Romantic महक का जादू

रिया ने घडी की तरफ देखा और बोली

"महक अब मुझे घर जाना चाहिए..... वर्ना मेरे घर वाले धुन्डते हूए आ जायेंगे"


और हम दोनों ने फटाफट कपडे पहने.



मैं: "पर रिया ......"



रिया : "मुझे पता है महक .... तुम्हे बहुत कुछ पूछना है..... लेकिन अभी
नहीं ..... मैं तुम्हे सब कुछ बताऊंगी लेकिन बाद में अब तो हम दोनों एक ही
खेल के पार्टनर है"



मैं: " फिर कब आवोंगी ?"



रिया : "बहुत ही जल्दी आउंगी मेरी जान..... तुझसे जादा जल्दी तो मुझे है .... तेरा मखमली बदन मुझे सोने नहीं देगा "


इतना कहके रिया अपने बुक्स समेटने लगी. जाते जाते मुझसे कस के लिपट के रिया
ने एक कड़क चुम्मा मेरे होटों पे दिया और कुण्डी खोल के बहार निकल गई.


रिया के चले जाने के बाद न जाने कितिनी देर तक मैं वही बैठी रही. फिर निचे से मामी की आवाज आई


" महक बेटा शाम होने को है..... हाथ मुह धोलो और निचे आओ"


हर रोज शाम को मामी जी के साथ मैं आरती करती हूँ.


मैं बाथरूम जाकर फ्रेश हो गई. और निचे पूजाघर की और चल दी ..... आज पूजा में भी मेरा मन नहीं लग रहा था.


मामी ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया .... उन्होंने सोचा मैं कालेज के बारे में या अपने घर के बारे में सोच रही हू.


मैं फिर से मेरे कमरे में आ गई. पर मेरा मन कही नहीं लग रहा था , सामने
किताब खुली थी लेकिन आँखों के सामने अभी भी रिया के भरे भरे स्तन ही आ रहे
थे .


मैं अभी भी रिया के होटो की नमी अपने होटो पर महसूस कर रही थी.


इतने में मामी की आवाज आई


"महक बेटा तेरे लिए फ़ोन है ...." मैंने सोचा की रिया का फ़ोन है ,


मैं भाग कर निचे फ़ोन के पास गई. मैंने फ़ोन उठाया और बोली


" हाय रिया !"


"हेलो बेटा महक मैं तुम्हारी माँ बोल रही हू "


यह सून कर मैं फिर से वास्तव में लौट आई. पढाई का बहाना बना के मैंने जैसे
तैसे अपनी माँ से बात जल्दी ही ख़तम की, आज न जाने क्यों मेरा मन रिया के
सिवा दूसरा कुछ भी नहीं सोच रहा था.


मैं फ़ोन रख कर ऊपर पहोची ही थी की निचे फिर से फ़ोन बज उठा .


फिर से मामी की आवाज


" महक बेटा फ़ोन....."

Quote

मैं फिर से निचे गई , फ़ोन उठाया और बड़े ही अनमने ढंग से बोला " हेलो कौन बोल रहा है ?"

उधर से रिया की खनकती आवाज आई


" हेल्लो महक ..... वो कल वाली अर्जंट असाइनमेंट की तयारी के लिए मैं
तुम्हारे घर आ रही हू...... मैं आज रात को वही सो जाउंगी और सवेरे वही से
हम कॉलेज जायेंगे"


मैं सुनती ही रही, वह क्या बोल रही थी ये पहले समझ नहीं आया , लेकिन मैं ताड़ गयी की उसने घर पे कोई बहाना बनया है .


मैं प्रकट में बोली " हा रिया मैं तो तुम्हारी रह देख रही थी ..... तुम कब तक आओगी?"


उसने बताया की वो खाना खाके ९ बजे तक पहुचने वाली है


मैं तो ख़ुशी के मारे दीवानी हो गई थी .


मैं भागते हुए किचन में गयी और मामी से बोली


"मामी जल्दी से खाना लगा दो...... बाद मे मुझे बहोत पढना हैं"


मामी अचरज से मेरे इस बदले हूए रूप को देख रही थी. मामी ने हसकर बोला


"बैठ बेटा मैं अभी खाना परोसती हूँ."


खाना खाते खाते मैं मामी से बोली


" मामी जी .... मेरी सहेली रिया है न ........ वो रात को यहाँ आने वाली है ..."



मामी: "इतनी रत को ?"



मैं: "हा मामी हमें कल एक अर्जेंट असाइनमेंट देना है...... इस लिए काफी देर तक पढना पड़ेगा..."



मामी: " तो फिर रिया से बोल.... की वो यही सो जाए ....."


मामी जी से परमिशन मिलते ही मैं खुशी से झूम उठी . मैंने फटाफट खाना ख़तम किया और ऊपर की तरफ भागी .....

Quote

मैंने घडी को देखा अभी आधा घंटा बाकी था. सच में दोस्तों वो आधा घंटा मुझे बहोत ही ज्यादा लम्बा लगा.

रिया ९ बजने के पहले ही पहुच गयी.


मामी रिया को लेकर ऊपर आई और हमसे थोड़ी देर बाते करके निचे जाने लगी


जाते जाते मामी बोली " बेटा रात को चाय चाहिए क्या? "



मैं: " नहीं मामी रात को चाय पिने से हमको एसिडिटी हो जाएँगी ......"


मामी ने "हम दोनो को गुड नाईट बोला और चली गई


मामी के जाते ही ..... मैं रिया से लिपट गयी और उसे किस करने लगी


लेकिन रिया ने मुझे झटक दिया ........



मैं: "रिया अब सहा नहीं जाता ... प्लीज आ जाओ ना मेरी जान"



रिया: "महक जल्दबाजी मत कर..... मामी को निचे जाने दे .... तेरी इस जल्दबाजी की वजह से अपनी पोल खुल जाएँगी."


मैं एकदम से जमीन पर आ गई.



मैं : "सॉरी यार रिया .... मेरे ध्यान में ही नहीं आया"


फिर मैंने नोट किया की रिया कुछ ज्यादा ही सजी सवरी थी. उसका चेहरा चमक रहा था . शायद फेशियल कर के आई थी .


उसने अपने साथ बुक्स के आलावा एक छोटा सा बैग भी लाया था. मैंने पूछा


"क्यों री.... फेशियल किया है क्या?"



रिया: "हा रे मैं तो बहोत सी तय्यारी कर के आई हूँ "



मैं: " कैसी तय्यारी?"



रिया: "पहले वेक्सिन किया... फिर फेशियल और फिर स्पेशल बाथ ले के आई हूँ"


मेरे अब ध्यान में आया की रिया बहोत ज्यादा चिकनी लग रही थी.



मैं:" और इस बैग में क्या है?"



रिया एक रहस्यमई मुस्कान के साथ बोली "इसमें मेरा नाईट ड्रेस, कल के लिए कपडे और कुछ ख़ास चीजे है "



मैं : " ख़ास चीजे?"



रिया: "सब बताउंगी रानी ...... थोडा सबर कर......."



मैं: " प्लीज़ यार रिया इतना मत तडपा..... बता न अब "


रिया हसते हूए दरवाजे की ओर बढ़ी और दरवाजा बंद करके पलटी और अपनी बाहे पसार दी


मैं दौड़ के उसके पास पहुची और उसे जोरो से भीच लिया ,


अब हम दोनों पागलो की तरह एक दुसरे को चूमने लगे.....


चुम्मा चाटी के उस दौर के बाद रिया मुझे खीचते हूए बेड के पास ले आयी.



रिया: "महक रानी ... अब तो पूरी रात अपनी है... लेकिन हमें सब कुछ इस तरह से करना है की किसी को जरा भी शक ना हो "



मैं:"मतलब?"


फिर रिया ने मुझे समझाया की हमें बाकी लोगो के सामने नोर्मल बिहेव करना है.


किसी भी प्रकार की उत्तेजना का प्रदर्शन नहीं करना है.


और हम दोनों की बाते किसी से भी शेयर नहीं करना है.


अगर हम अपने अपने घर में कोई बहाना बताते है तो वो एक जैसा ही होना चाहिए
.... नहीं तो मैं कुछ और बताउंगी और तुम कुछ और ..... ऐसा नहीं चलेगा.


मैंने उसे बोला "मैं समझ गई ....... अब शुरू करे..."


रिया फिर से खिलखिलाते हूए हसी और बोली .... " और ज्यादा जोरो से बोलना भी नहीं ..... कमरे के बाहर आवाज ना जाने पाये "


मैंने मेरे दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा " हा मेरी माँ ..... समझ गई "


रिया ने मुझे आपने सिने से लगा लिया और बोलने लगी की वो बहोत खुश है ..... मेरे जैसी खूबसूरत पार्टनर पा कर... उसने मुझे पूछा


"महक रानी ... आज जो हमने किया ... क्या तुमने इसके पहले कभी नहीं किया था ?"



मैं: " नहीं तो "



रिया: " तो तुम्हे सेक्स के बारे में कुछ भी पता नहीं?"



मैं: " नहीं बिलकुल नहीं .... तो क्या आज हमने जो किया इसी को सेक्स कहते है ? "

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रिया ने हसते हूए मुझे चूमा और बोली

" हाय रे मेरी भोली बन्नो...... तू बस मैं बोलू वैसा करती जा .... मैं तुम्हे सब सिखा दूंगी "



मैं : "प्लीज़ यार रिया ... बता ना ये सब "


रिया ने मेरे होटो पर ऊँगली रखी और मुझे चुप किया .


उसने मुझे बताया की हम पहले अपने शारीर की जानकारी लेते है. उसने मुझे उसके वस्त्र उतरने के लिए बोला.


मैं जल्दी जल्दी उसके कपडे उतरने लगी तो उसने मुझे टोका और बोली


"जरा प्यार से…… नजाकत से उतारो मेरी जान "


अब मैं भी मूड में आ गई मैंने उसके चहरे को अपने हथेलियों से पकड़ा और एक
जोरदार चुम्बन ले लिया फिर धीरे से अपने हाथ उसकी छातियो पर रखे और उनका
मर्दन करना शुरू किया धीरे धीरे मैं अपने हाथो को निचा करती गई और उसका टॉप
निचे से पकड़ा .... उसकी होटो को चूसते हूए मैं धीरे धीरे टॉप ऊपर उठाने
लगी .... एक पल के लिए चुम्बन तोड़ते हुए मैंने टॉप को उसके सर से निकला
......... उसका टॉप उतारते ही जैसे मेरे नजरो के सामने बिजली कौंध गयी.


उसने टॉप के निचे एक जालीदार काले रंग की ब्रा पहन रखी थी .....


ब्रा मैं कैद उसके वो सावले स्तन गजब ढा रहे थे....


मैं अपने आप को रोक नहीं पाई....


मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तनों को चूमना शुरू किया ......


थोड़ी देर चूमने के बाद रिया ने मुझे आगे बढ़ने को कहा


.....और उसने मेरे हाथो को गाइड करते हूए उसकी ब्रा के हूक दिखाए.


बड़े प्रयास के बाद मैं वो हूक खोल पायी.जैसे ही हूक खुला ... उसकी वो दो कबूतर उछलकर मेरे चेहरे से टकराये.


हाय क्या संतरे थे.......


उसके निप्पल तो मनो काले जामुन लग रहे थे .....


मैं अपने आपको रोक ना पायी और अपने मुह में भर लिया......


मैं अपने दातो से निप्पल को चुभलाने लगी ...... दुसरे संतरे को अपने हाथो से दबाने लगी ........ रिया ने फिर मुझे रोका और बोली


"मेरी जान इनसे बाद में खेलना.... अभी तो निचे भी बाकी है "


मैं थोडा रुक गई .... लेकिन एक पॉझ लेकर मैं फिर से उसकी आज्ञा का पालन करने लगी ...... जैसे मैं पूरी तरह से उसकी काबू में थी


रिया ने नेचे बेहद टाइट जींस पहनी थी.


मैंने उसकी हूक को खोलने का प्रयास किया .......


अचानक मेरे दिल में एक ख्याल आया ........


मैं निचे झुकी और अपनी दातो से हूक खोलने लगी .....


इस प्रयास में मेरे होट कई बार उसकी नाभि से छुए......


रिया ने अति उत्तेजना से अपनी आखे बंद की और मेरा सर पकड़कर अपनी नाभि पर दबाया.


मेरी मेहनत आखिर रंग लाई. और हूक खुल गयी मैंने उसकी जिप को भी खोला और उसे बेड पर धकेल दिया ........


अब मैं उसकी जींस को निचे से पकड़कर खीचने लगी ......


थोड़ी ही देर में उसकी जींस मेरे हाथो में थी ....... मैंने जींस को बजु मे उछल दिया और सामने देखा ......


रिया ने ब्रा से मिलती जुलती काले रंग की जालीदार पैंटी पहनी थी ......


उसकी वो बाल रहित चिकनी पिंडलिया और जांघे देख के तो मैं दंग रह गई.

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रिया ने अब मुझे रुकने को बोला .


मैं बोली "अभी तेरी पैंटी बाकि है....... "



रिया:" बाद में उतरना ....."



मैं : " और मेरे कपडे?"


रिया ने बताया की अभी मेरे कपडे नहीं उतरना है ..... अगर मेरे कपडे उतर गए
तो वो कंट्रोल नहीं कर पाएंगी ....और फिर जो करना है वो सब सिर्फ रिया ही
करेंगी.


मैं भी समझ गयी. और उसकी अगली आज्ञा का इंतजार करने लगी.


रिया बेड पर पसर गयी .... उसने मुझे बोला की मैं उसे सर से लेके पाव तक
प्यार करू (चुमू) ... मैंने वैसा ही करना शुरू किया ...... पहले मैंने उसके
माथे को चूमा , फिर नाक, और फिर उसकी रस भरे होट ( यहाँ मुझे कुछ ज्यदा ही
समय लगा) फिर मैं उसकी गर्दन को चूमती निचे की ओर बढ़ी


मैंने उसके चिकने कंधो को चूमा ...... रिया ने अपने हाथो को थोडा ऊपर अपने
सर की ओर खिसका दिया ..... अब उसकी कान्खो मे बालो का गुच्छा दिखाई दिया
... मैं गौर से देखने गयी ...... तो मुझे एक मादक सी खुशबू आई ..... मेरे
ध्यान में आया की वह मादक सी महक रिया की बगलो से आ रही थी. मैंने झट से
अपनी नाक उसकी बगलों में घुसा कर ..... लम्बी साँसे लेती हुए उस खुशबू को
पीना शुरू किया . मैं अपनी सुधबुध खो चुकी थी. रिया ने मुझे आगे बढ़ने को
कहा , लेकिन मैं सुन न सकी , मेरा ध्यान उस मनमोहिनी महक में उलझा था.


रिया बोली


" क्या मेरी रानी को ये बहोत पसंद आयी?"


मैंने हामी भर दी ... और फिर दूसरी बगल को सूंघने लगी. न जाने क्या ख़ास बात थी उस महक में ....... मन ही नहीं भर रहा था ......


ऐसा लग रहा था की बस उसको अपने आप में समाती जाऊ......


दोस्तों उस वक्त मैं जानती नहीं थी की इस जादुई महक का मेरी जिंदगी से
कितना करीबी रिश्ता होने वाला है ...... इस महक की जादू मेरे जीवन में
क्या..क्या करिश्मे करने वाली है.


मैं पागलो की तरह रिया की बगलों को सूंघती... चाटती चली जा रही थी ......


रिया ने बड़ी मुश्किल से मुझे रोका और मेरा सर अपने छाती पर दबाया ..... अगले कुछ मिनिटो तक मैं उसकी उरोजो में खो गई ....


हाय .... उसकी वो बड़ी बड़ी छतिया ...... और उसके वो फुले हूए निप्पल ......


मेरे मुह में पानी आ गया....... मैं पागलो की तरह उनको चूमने और चाटने लगी .... बिच बिच में मैं उसे हलका सा काट भी लेती थी .....


रिया पागलो की तरह सिसकने लगी ........ थोड़ी देर बाद उसने मुझे निचे बढ़ने को बोला


अब मैं उसकी नाभि को चूमने लगी .... थोड़ी देर उसकी नाभि को चूमने के बाद मैं थोड़ी निचे सरकी .......


मैंने देखा रिया की पैंटी...... जैसे भीग गयी थी .... एक मनमोहक खुशबू सी आ
रही थी....... मैंने उसको नीची की और खीचना शुरू किया ...... कड़ी मेहनत
से मैंने उसकी पैंटी को अलग किया .......


हाय....... क्या मनोरम दृश्य था ...... रिया की ...... बिलकुल सफाचट
.......डबल रोटी की तरह फूली हूई सावली योनी से नजर नहीं हट रही थी .


रिया ने मेरा हाथ पकड़कर उसे उसकी योनी पर रख दिया.


उसकी योनी को छूते ही .... रिया सिस्कार उठी .....


" स्स स्स स्स ......स्स स्स स्स .......हाय ..... "

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मैं थोडा रुक गयी मेरे हथो को एक अलग ही चिपचीप लग रही थी . मैंने रिया को
पूछा की वो क्या है ... उसने मुझे समझाया की वो जवानी का अमृत रस था ....


जो की प्यार करने से बढ़ता है. और जब हमारे शारीर से यह रस बह जाता है तो हमें बहोत सुकून मिलता है.


मैं उसकी योनी को सूंघने के लिए उस पर झुक गई .......


बड़ी ही मनमोहक खुशबू थी....


मैं थोडा और नजदीक गई तो मेरी नाक पर वो चिकनाई लग गई ......


मैं बुरा सा मुह बनकर दूर हो गई .........


रिया ने मुझे रोका ...... और बोली


" देख महक रानी ....... ये जवानी रस बहोत अनमोल होता है ...... इसकी तुम्हे घिन नहीं आणि चाहिए ......


मुझे पता है .... ये तुम्हारी पहली बारी है ...... इस लिए इसका इलाज भी साथ लाई हूँ "


फिर उसने उठ कर अपना बैग खोला ...


और उसमे से एक गुलाब जल की शीशी और एक नेपकिन निकला .


और मुझे बताया की मैं उसकी योनी पर गुलाब जल डालू और फिर उसे अच्छी तरह से पोछू......


मैंने वैसे ही किया..... रिया ने अपनी टाँगे खोल रखी थी....


मैंने थोडा गुलाब पानी उसकी योने पर छिड़का .......... हाथो से मसला .....


... और फिर नेपकिन से पोछने लगी.


थोड़ी ही देर में रिया की योनी किसी नै नवेली दुल्हन के तरह चमकने लगी .


अब रिया ने मुझे उसकी योनी चाटने को कहा . लेकिन उसके पहले उसने मुझे कैसे
चाटते है ये भी बताया ....... उसने अपने हाथो से अपनी चूत की पंखुड़िया अलग
की और जादुई दाने के दर्शन करा दिए ...


.. उसने बताया की वह जादुई दाना बहोत जादा सेंसिटिव है...


.... जितना इससे खेलो उतना ही प्रेम रस बहार आएगा .......


मैं उसकी सूचनाओ नुसार अपने काम में जुट गई ........


मैंने पहले उसकी चूत रानी को चूमा, फिर अपनी जीभ को पूरा बहार निकल के ... उसे चाटने लगी ...


....मैं लम्बे लम्बे चटकारे लगाने लगी थी ......


रिया तो बस"उ.अ..आह.अ.उउआ.आह. स्स स्स स्स स्स स्स ....." कर रही थी


मैंने अब उसके दाने की ओर ध्यान दिया ....... उसका दाना मटर के दाने से भी
बड़ा ... फुला सा दिख रहा था मैंने उन्ग्लियो से उसकी योनी की पंखुड़िया
विलग करते हुए ....उस जादुई दाने को छुआ ....


... रिया एकदम से उछल पड़ी


"उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न् …हई…आह..... स्स स्स स्स ......"


मैंने फिर से उसे निचे दबाया और उसके दाने को चूसने लगी........


"हा......य........ अ ..... उ....उम्म........"


"स्स स्स स्स ..... म....ह .....क .... और .... जोरो से चूस मेरी .... जान ..... उफ्फ........."


चूसते हुए मैंने अचानक अपने दातो से उसे हलके से काटा.....


"उई.... मा.. अ.आ...क स्स.स्स..स्स.....हाय...."


रिया अजीब अजीब आवाजे निकल रही थी .... मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी योनी के छेद में घुसा दी ... और घिसने लगी .......


( मुझे ये सब रिया ने ही बताया था)


अचानक रिया का शरीर अकड़ने लगा ....... उसने मेरे मुह को अपनी दोनों जन्घो के बिच जोरो से दबाया ....... मेरी सांस अटक रही थी ..


.. लेकिन मैंने काम जारी रखा .


रिया ने एक जोर का झटका खाया ......


" म...ह...क.... मैं........ आ.... यी......आ...आ....स्स..स्स..स ्स.."


और उसकी चूत से रस की फुआर निकल पड़ी ....


उसके रस से मेरा मुह भर गया.... थोडा सा रस मेरी जुबान को भी लगा ......


मुझे उसका टेस्ट भा गया ......और मैं उसको चाटने लगी .........


रिया भी झटके मार रही थी .... मैंने ताकत लगाकर उसे नीची दबा रखा था...... मैं पूरी जीभ निकाल कर उसे चाटरही थी ....


धीरे धीरे .... रिया शांत हुई ..... उसकी जांघो की पकड़ दिली पड़ गई.......... मैंने सर उठा के उसकी आँखों में देखा ....


वो मुस्कुरा रही थी .... उसने आंखो से इशारा करके मुझे ऊपर आने को बोला ......


मैं थोडा ऊपर सरक गई ....... तो उसने मेरे चहरे को अपने हातो से पकड़कर चूमना चलू किया .......


मेरे सारे चहरे पर उसका रस लगा था ... मेरे होटो पर भी उसका रस था ..... उसने मेरे होट और चेहरे से सारा रस चाट लिया .....


करीबन १५ मिनिट बाद वो तूफान थम गया....


अब इस से भी बड़ा तूफ़ान आने वाला था ..............

Quote

अब रिया ने मुझे पकड़कर खड़ा किया , और बोली की अब वो मेरे साथ सुहागरात मनाने वाली है.


यह सुन कर मैं खिलखिलाकर हस पड़ी.



सबेरे वाले चैप्टर के बाद से मेरी शर्म कम और हिम्मत बढ़ गयी थी.



रिया नंगी ही मेरे इर्द गिर्द गोल गोल घुमते हुए मेरी तरफ देख रही थी.



मैंने पूछा " क्या देख रही हो ..... इस तरह ?"




वो: " तेरी जवानी की का जायजा ले रही हूँ मेरी जान…”



और वो मेरे पीछे रुक गई



उसने पिछे से मुझे कस के पकड़ा .....



उसके हाथ मेरी छातियो पे घुमने लगे



उसने मेरी गर्दन पर अपनी गर्म साँसे छोड़ना शुरू किया ...... बिच बिच में
वो मेरी कान की लौ को भी चुभलाने लगी ..... मैंने ऐसा सिर्फ मुविस में देखा
था..... लेकिन आज अनुभव कर रही थी .



.... मेरे अंग अंग में जैसे बिजली दौड़ने लगी ...... सारे शारीर पर रोंए खड़े हो गए.



मैंने भी अपनी बाहे उपर उठा कर उसके गले में डाल दी ...



धीरे धीरे रिया मुझे चूमने लगी .....फिर उसने हौले हौले मुझे पलटाया ...



... अब हम एक दुसरे के सामने थे....



उसने मेरे चहरे को हलके हलके सुंघा... मैं उसकी गर्म साँसे अपने पुरे चेहरे पर महसूस कर रही थी.......



मुझसे रोका न गया .... मैंने अपने होटो को समर्पित करते हुए ... उसकी लबो पे मुहर लगा दी



उसने भी मेरा पुरे दिल से स्वागत करने हुए ...उन मस्ति के पैमानो को पीना चालु रखा ,,,,,



इस बिच उसकी हाथ पूरी मस्ती के साथ मेरे उरोजो से खेल रहे थे .......



शायद वो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल था ..



... ऐसा लग रहा था की की एक पलके लिए सब कुछ थम सा गया है....



और हम दोनों कई जन्मो से ऐसे ही.... एक दुसरे को किस कर रहे है ....



बड़ी देर बाद रिया ने किस तोड़ते हुए मेरी आँखों में झाँका ....



.... मैंने शर्मा कर नजरे नीची कर ली ....




रिया :"हाय रे मेरी प्यारी बन्नो.... "



उसने मेरी आँखों को धीमे से चूमा ....



अब उसने मेरी टॉप को खोलना शुरू किया ..........

Quote

मुझे याद आया ... की सवेरे वाले एपिसोड के बाद ...मैंने कपडे नहीं बदले थे .......


मैंने रिया को बताया.......



" यार तुने इतनी तय्यारी की है .... इतनी सज सवर के आयी है .... और मैंने नहाना तो दूर .... कपडे भी नहीं बदले...."




रिया: "मेरी जान .... इतना दिल पे मत ले .... उल्टा मुझे तो ख़ुशी है की .



... आज मैं अपनी महक को उसके नेचरल रूप में ही पा लुंगी "




मैं: " लेकिन मैं नहाई भी नहीं .... तुने तो स्पेशल बाथ लिया है"




रिया:"मेरी जान फिर तो और मजा आएगा ...



... तेरा पसीना मेरी महक की महक को और भी जादा मदहोश कर देगा "



अब तक मेरी टॉप निकल चुकी थी ........



रिया ने मेर समीज को भी निकाल दिया



वो मेरे नग्न उरोजो को चूमने.... चाटने लगी



उसने मेरी एक निप्पल को अपने मुह में लिया.... और अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द घुमाने लगी .......



इस हरकत से तो मैं पूरी तरह मदहोश हो गयी.... मैंने महसूस किया की मेरी योनी से कुछ जारने लगा था .



रिया ने निप्पल को छोड़ कर मेरी दाए उरोज को अपने दातो से काट लिया ..



" अ ...अ ...आ..उ..च.......स्स स्सस्स ......स्स स्स स्स.......हाय ...."



मैंने शिकायत भरे आवाज से कहा



" मेरी जान लेगी क्या..... इतना जोर से काटा ...."




रिया:जोर से हँसते हुए" आज तो मैं अपनी महक रानी को कच्चा खा जाउंगी "



वो थोडा निचे झुकी ... और आपने जुबान से मेरी नाभि के इर्द गिर्द दायरे बनाने लगी .......



मैं उसके सर को दबाते हुए सिसक ने लगी ....



नाभि की चूमा चाटी करते हुए रिया ने मेरे पजामी के नाड़े को एक हल्का सा झटका दिया ...



...... और मेरी पजामी भरभराकर मेरी पैरो में गिर पड़ी



अब मैं सिर्फ पैंटी में खड़ी थी ...

Quote

रिया आँखे फाड़े मेरी नग्न शारीर को देखे जा रही थी ..


..जैसे वो आन्खो से ही मुझे पीना चाहती हो....



फिर उसने मुझे धकलते हुए बेड पर लिटाया .......



मैं शर्म से मरी जा रही थी ..... रिया से आँख मिलाने की की भी हिम्मत नहीं हो रही थी ....



रिया तो पूरी नंगी थी...... वो वैसे ही मुझ पे कूद पड़ी



मैं तो पूरी तरह से उसके निचे दब गई ......



उसके होठ मेरे होटो पर थे ..... उसके मस्त स्तन मेरे छोटे स्तनों को दबा रहे थे ......



उसकी ताज़ी झड़ी चूत मेरे चूत पर थी ...... बस बिच में एक महीन सी पैंटी थी...



जैसे उसके शरीर का हर हिस्सा .... मेरी सारे शरीर से प्यार कर रहा था .



अब रिया मेरी कमर दोनों ओर पैर कर के बैठ गयी पर बैठ गयी



वो मेरे स्तन इस तरह मसल रही थी जैसे आटा गुन्दते है .



बिच मे ही वो झुक कर मेरी होटों



... को चूमती और कभी मेरे निप्पल को ..



........ उसकी स्पीड बढती गयी ..... फिर तो उसने कहर ही कर दिया ...



....... उसने मेरे स्तनों को जोरो से काटना शुरू किया .....



उसके दात मेरे फूलो से कोमल स्तनो में लाल लाल निशान बनाते जा रहे थे ......



"उफ्फ........ हा.....य......स्स.....स्स स्स स्स ......अ.आ....उ...च..."



मैंने याचना भरि नजरो से रिया की तरफ देखा .......



लेकिन वो बड़ी कुटिलता से मुस्कुराई और बोली ......



" आज रात के लिए तू पूरी तरह से मेरी है .....इतना दर्द तो तुझे सहना ही पड़ेगा .... मेरी बन्नो "



मैं चुप हो गयी ....... वैसे मुझे भी मजा आ रहा था ..... दर्द में भी मजा होता है ..... ये मैंने उसी दिन जाना



फिर उसने अपना मोर्चा मेरी बगलों की तरफ बढ़ाया ......



मेरी बगलों में कई दिनो से हलके भूरे बाल उगना शुरू हुए थे ...



... कें उसके रिया की तरह गुच्छे नहीं बने थे .......



रिया ने उन्हें सुंघा...... मुझे गुदगुदी हो रही थी ....



.. उसने मेरी बगलों को मन भर के सुंघा और जी भर के चाटा भी



उसने कहा



" मेरी महक की बगलों की महक तो जन्नत है ....



... मेरी जान ..... इस महक को मैं कभी नहीं भूलूंगी"



थोड़ी देर मुझे नोचने के बाद रिया थोडा निचे सरकी .....

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और फिर उसने मेरी जांघो पर गर्म साँसे छोड़ना शुरू किया ..... अजीब तरीका था वो ..


...... न तो वो मुझे छू रही थी .... ना ही उसके होट....



......... बस वो नाक के जरिये गर्म साँसे छोड़ते हुए ऊपर निचे हो रही थी ......



रिया जो कर रही थी उसका असर तेजी से हो रहा था ....



.... मेरी साँसे भारी होने लगी ...



....... शारीर अकड़ने लगा......



...और मेरी चुत से पानी बहने लगा



मैंने रिया को अपनी जांघो की बिच कस के पकड़ा .....



.. रिया समझ गयी ......



.. वो खड़ी हो कर मेरी ओर देख मुस्कुराई ...



...... और उसने अपने हाथ मेरी गीली पैंटी की ओर बढ़ाये .



मैं तो एक अजीब सी खुमारी में थी .



....... रिया ने अपना काम जरी रखते हुए मेरी गीली पैंटी खीचना जारी रखा



मेरी पैंटी के उतरने के बाद उसने मुझे अपनी टांगे खोलने को कहा ....



...... मैंने भी सहयोग करते हुए अपनी टाँगे खोल दी ..



..... फिर तो रिया मेरी चुत पर टूट ही पड़ी.



उसने पहले बड़े प्यार से मेरी चुत को चाटा ...



. फिर अपने जीभ को थोडा कडा करके वो मेरे दाने से खेलने लगी ...



..... मेरे सारे जिस्म में सनसनी फ़ैल गयी .....



"उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न् …हई…आह..... स्स स्स स्स......"



मेरे मुह से अजीब अजीब आवाजे निकल रही थी



"उई.... मा.. अ.आ...क स्स.स्स..स्स.....हा….य.. .."



रिया ने अपने ऊँगली मेरे चुत में सरका दी ..और घिसने लगी ...



.... मेरे दाने पर उसकी जीभ और चुत में घिसती ऊँगली का असर बड़ा ही तेज था ....



मैं फिर से झटके मरने लगी .... रिया को पता लग गया की मैं झड़ने वाली हूँ ......



उसने उसके होट मेरे चुत के होटो पार चिपका दिए और चूसने लगी ...



.... जैसे आम चूस रही हो......



मैं तो ना जाने कितनी देर तक झड रही थी ..... मेरी आँखे अत्यधिक आनंद के वजह से बंद थी...........



रिया ने मेरा सारा रस पिया .....मुझे उसने ने झंझोर कर उठाया और बोली



"क्या मेरी रानी .... अपना खुद का रस चखना चाहेंगी ?"



मैंने शरमाते हुए हामी भरी .... तो वो उपर आ गई .... और अपने होटो से मुझे मेरा ही रस पिलाने लगी .......



उसकी जीभ मेरी मुह में बे रोक टोक घूम रही थी ...... और अपने साथ उसक मुख रस और मेरा खुद का रस भी मेरी मुह में डाल रही थी ..



...... करीबन १० मिनिट तक हम एक दूसरे को चूसते रहे



फिर हमने एक दुसरे की आँखों में देखा ....... और चिपक कर सो गयी ......



हम दोनों भी बहुत थक गयी थी .... इसलिए हमें जल्दी ही नींद आ गयी..



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